किट पिट किट पिट
किट किट करता रहता
धीरे धीरे आगे बढ़ता रहता l
उंगुलियो से जैसे कोई सगींत
कानो मे घुलता रहता l
पहले तो सब को मजा इसमें आता है l
दिल को बड़ा लुभाता था l
ज़ब से इसके भाई दुनिया मे आया है l
ये भी बड़ा रोया थोड़ा सा पछताया है l
कुछ ही समय मे उसने अपनी जगह बना ली l
इसको भी एक कोने की राह दिखा दी l
आज कल तो इसकी पूछ बहुत थोड़ी है l
हर किसी की आँखो से कुछ दुरी है l
किट पिट किट पिट सुनने को हम जैसे तरस गए l
याद करते ही देखो हम तो इसके लिए फिर से मचल गए l
Sahil writer.......
Niraj Pandey
18-Aug-2021 02:56 PM
बहुत खूब👌
Reply
Swati chourasia
18-Aug-2021 02:46 PM
Very nice
Reply
Adeeba Riyaz
18-Aug-2021 01:32 PM
Keep going
Reply